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सांसों की बदबू के कारण और इलाज Causes and treatment of bad breath



सांस की दुर्गंध


यद्यपि सांस की दुर्गंध या हैलीटोसिस एक गंभीर समस्या बन सकती है तथापि अच्छी खबर यह है कि कुछ साधारण उपायों से सांस की दुर्गंध को रोका जा सकता है।

सांस की दुर्गंध उन बैक्टीरिया से पैदा होती है, जो मुंह में पैदा होते हैं और दुर्गंध पैदा करते हैं। नियमित रूप से ब्रश नहीं करने से मुंह और दांतों के बीच फंसा भोजन बैक्टीरिया पैदा करता है। इन बैक्टीरिया द्वारा उत्सर्जित सल्फर, यौगिक के कारण आपकी सांसों में दुर्गंध पैदा करता है।

लहसुन और प्याज जैसे कुछ खाद्य पदार्थां में तीखे तेल होते हैं। इनसे सांसों की दुर्गंध पैदा होती है, क्योंकि ये तेल आपके फेफड़ों में जाते हैं और मुंह से बाहर आते हैं। सांस की दुर्गंध का एक अन्य प्रमुख कारण धूम्रपान है।

सांस की दुर्गंध पर काबू पाने के बारे में अनेक धारणाएं प्रचलित हैं। यहां कुछ ऐसी बातों का जिक्र है, जिन्हें आपने सांस की दुर्गंध के बारे में सुना होगा, लेकिन ये सच नहीं हैं:

धारणा 1

मुँह साफ कर लेने से सांस की दुर्गंध दूर होती है।
मुँह साफ करने से सांस की दुर्गंध केवल अस्थायी रूप से दूर होती है। मुँह साफ करने के लिए किसी ऐसे एंटी सेप्टिक की तलाश करें, जो दुर्गंध पैदा करनेवाले कीटाणुओं को मारता हो, दांतों की सड़न कम करता हो और वह इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आइडीए) द्वारा मान्यता प्राप्त हो।

धारणा 2

नियमित रूप से दांतों की सफाई करने से सांसों में दुर्गंध नहीं होती।
सच यह है कि अधिकांश लोग केवल 30 से 45 सेकेंड तक ही दांतों को ब्रश करते हैं, जो समुचित नहीं है। आपके दांतों की सभी सतहों को समुचित रूप से साफ करने के लिए आपको हर दिन दो बार कम से कम दो मिनट तक ब्रश करना चाहिए। अपनी जीभ की सफाई भी करना याद रखें, क्योंकि बैक्टीरिया को वहां रहना पसंद है। कुल्ला करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि केवल ब्रश करने से ही आपके दांतों और मसूड़ों के बीच फंसे हानिकारक सड़न और खाने के टुकड़े दूर नहीं हो सकते।

यदि आपको सांस की दुर्गंध की चिंता है, तो आप अपने मुंह और दांतों की देखभाल का ध्यान रखें। कुछ चीनी मुक्त गम और मिंट से भी अस्थायी रूप से दुर्गंध दूर हो सकती है।
यदि आप सही तरीके से ब्रश और कुल्ला करते हैं और नियमित सफाई के लिए अपने दांतों के डॉक्टर से पास जाते हैं, लेकिन आपकी सांसों में दुर्गंध बरकरार है, तो आपको कोई चिकित्सकीय समस्या, जैसे साइनसाइटिस या मसूड़ों की बीमारी हो सकती है। यदि आपको किसी समस्या का संदेह हो, तो अपने चिकित्सक या दांतों के डॉक्टर से सलाह लें। वे तय कर सकते हैं कि आपकी सांसों की दुर्गंध के पीछे क्या कारण है और उसे दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

सांसों की दुर्गंध के कारण

सांसों की अधिकांश दुर्गंध आपके मुंह से शुरू होती है। सांसों की दुर्गंध के कई कारण होते हैं। इनमें शामिल हैं

भोजन: आपके दांतों में और इसके आसपास भोजन के टुकड़ों के टूटने से दुर्गंध पैदा हो सकती है। पतले तैलीय पदार्थ युक्त भोजन भी सांसों की दुर्गंध के कारण हो सकते हैं। प्याज और लहसुन इसके सबसे अच्छे उदाहरण हैं, लेकिन अन्य सब्जियां और मसाले भी सांसों में दुर्गंध पैदा कर सकते हैं। जब ये भोजन पचते हैं और तीखे गंध वाले तेल आपके खून में शामिल होते हैं, तो वे आपके फेफड़ों तक पहुंचते हैं और तब तक आपकी सांसों से बाहर निकलते रहते हैं, जब तक कि वह भोजन आपके शरीर से पूरी तरह खत्म न हो जाये। प्याज और लहसुन खाने के 72 घंटे बाद तक सांसों में दुर्गंध पैदा कर सकते हैं।
दांतों की समस्या: दांतों की खराब सफाई और दांत की बीमारियां सांसों की दुर्गंध का कारण हो सकती हैं। यदि आप हर दिन ब्रश और कुल्ला नहीं करते हैं, तो भोजन के टुकड़े आपके मुंह में रह जाते हैं। वे बैक्टीरिया पैदा करते हैं और हाइड्रोजन सल्फाइड भाप बनाते हैं। आपके दांतों पर बैक्टीरिया (सड़न) का एक रंगहीन और चिपचिपा फिल्म जमा हो जाता है।
मुंह सूखना: लार से आपके मुंह में नमी रहने और मुंह को साफ रखने में मदद मिलती है। सूखे मुंह में मृत कोशिकाओं का आपकी जीभ, मसूड़े और गालों के नीचे जमाव होता रहता है। ये कोशिकाएं क्षरित होकर दुर्गंध पैदा कर सकती हैं। सूखा मुंह आमतौर पर सोने के समय होता है।
बीमारियां: फेफड़े का गंभीर संक्रमण और फेफड़े में गांठ से सांसों में बेहद खराब दुर्गंध पैदा हो सकती है। अन्य बीमारियां, जैसे कुछ कैंसर और चयापचय की गड़बड़ी से भी सांसों में दुर्गंध पैदा हो सकती है।
मुंह, नाक और गला की स्थिति: सांसों की दुर्गंध का संबंध साइनस संक्रमण से भी है, क्योंकि आपके साइनस से नाक होकर बहनेवाला द्रव आपके गले में जाकर सांसों में दुर्गंध पैदा करता है।
तंबाकू उत्पाद: धूम्रपान से आपका मुंह सूखता है और उससे एक खराब दुर्गंध पैदा होती है। तंबाकू का सेवन करनेवालों को दांतों की बीमारी भी होती है, जो सांसों की दुर्गंध का अतिरिक्त स्रोत बनती है।
गंभीर डायटिंग: डायटिंग करनेवालों में खराब फलीय सांस पैदा हो सकती है। यह केटोएसीडोसिस, जो उपवास के दौरान रसायनों के टूटने से पैदा होती है, के कारण होता है।
इससे बचने के उपाय
मुंह और दांतों की साफ-सफाई का उच्च स्तर बनाये रखें। ब्रश करने के अलावा दांतों के बीच की सफाई के लिए कुल्ला भी करते रहें,
जीभ साफ करने के लिए जीभी का उपयोग करें और जीभ के अंतिम छोर तक सफाई करें,
आपके दांतों के डॉक्टर या फार्मासिस्ट द्वारा अनुशंसित माउथवाश का उपयोग करें। इसके उपयोग का सबसे अच्छा समय सोने से ठीक पहले है,
समुचित मात्रा में द्रव लें। अत्यधिक कॉफी पीने से बचें,
दुग्ध उत्पाद, मछली और मांस खाने के बाद अपने मुंह को साफ करें,
जब आपका मुंह सूखने लगे, चीनी मुक्त गम का इस्तेमाल करें,
ताजी और रेशेदार सब्जियां खायें,
नियमित रूप से अपने दांतों के डॉक्टर के पास जायें और अपने दांतों की अच्छी तरीके से सफाई करायें।

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