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हिन्दू शादी में पति-पत्नी के अटूट रिश्ते के लिए ज़रूरी हैं ये काम करना In Hindu marriage, these things are necessary for unbreakable relationship between husband and wife




पति-पत्नी के अटूट रिश्ते के लिए ज़रूरी हैं ये काम करना

These things are necessary for an unbreakable relationship between husband and wife

इंडियन तौर-तरीके से शादी हमारे देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काफी पंसद की जाती है। भारतीय संस्कृति में शादी का विशेष महत्व है। इंडियन ट्रेडिशन के अनुसार जो शादियां होती हैं, उनमें कई तरह के रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। हमारे यहां शादी में मेहंदी, हल्दी, संगीत के साथ ही और भी काफी रस्में होती हैं। क्या आप जानते हैं कि इन रस्मों के पीछे साइंटिफिक कारण भी होते हैं ? जी, बिल्कुल। मेहंदी, हल्दी, चूड़ी, सिंदूर, बिछवे जैसी रस्मों को इतना महत्व इसलिए है कि इसके पीछे बहुत ही खास कारण हैं। आज हम आपको शादी से जुड़ी भारतीय रस्मों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

मेहंदी लगाना
शादी में सबसे पहली रस्म मेहंदी की होती है। दुल्हन और दूल्हे, दोनों को मेहंदी लगायी जाती है। दरअसल, इसके पीछे साइंटिफिक कारण यह है कि मेहंदी एंटी-सेप्टिक होती है। मेहंदी लगाने से सिरदर्द दूर होता है और शरीर को ठंडक मिलती है। साथ ही, दुल्हन को शादी के वक्त नेल्स बढ़ाने में आसानी होती है। इसलिए दुल्हन और दूल्हे के हाथ और पैरों पर मेहंदी लगाई जाती है। इससे स्ट्रेस भी दूर होता है।

हल्दी लगाना
शादी के वक्त दुल्हन और दूल्हे को हल्दी लगायी जाती है। दरअसल, हल्दी लगाने से स्किन पर प्राकृतिक चमक आती है। कहा जाता है कि शादी के वक्त बुरी नज़रों से बचाने के लिए हल्दी रस्म की जाती है। लेकिन हल्दी में औषधीय गुण होते हैं जो चेहरे और शरीर के बाकी हिस्सों में दाग-धब्बों को खत्म करने का काम करते हैं। हल्दी में तेल मिक्स करके लगाने से शादी के वक्त चेहरे की प्राकृतिक चमक बनती है। हल्दी भी एंटी-सेप्टिक होती है।

चूड़ी पहनना
भारतीय कल्चर में शादी के बाद चूड़ी पहनना बेहद ही ज़रूरी है। इससे दुल्हन की खूबसूरती में भी चार चांद लग जाते हैं। इसके अलावा, चूड़ी कलाई में हाथ के एक्युप्रेशर प्वाइंट पर प्रेशर भी डालती है। यह आपको हेल्दी रखने में मदद करती है। एक्युप्रेशर प्वाइंट पर होने की वजह से चूड़ी ब्लड सर्कुलेशन सही बनाए रखने में मददगार होती है।

मांग भरना
एक सुहागन के लिए सिंदूर का विशेष महत्व होता है। शादी के वक्त इस रस्म को किया जाता है। सिंदूर में हल्दी, लाइम और कम मात्रा में मर्करी होता है। दरअसल, सिंदूर को मांग में भरने से दिमाग के साथ शरीर भी शांत रहता है। स्टडी के अनुसार, ऐसा माना गया है कि सिंदूर कपल की सेक्शुअल लाइफ से भी जुड़ा होता है। इसलिए सिंदूर सिर्फ विवाहित महिलाएं ही लगाती हैं।

बिछुवे पहनना
हिंदू धर्म में शादी के बाद पैर की उंगलियों में बिछुवे पहनना ज़रूरी है। लेकिन इस रस्म के भी दो कारण हैं। पहला, बिछुवे हमेशा पैर की दूसरी उंगली में पहना जाता है, जिसका संबंध नर्वस सिस्टम से यूटरस और दिल तक होता है। इससे महिलाओं को यूटरस मजबूत रहता है और मासिक धर्म भी सही से होता है। इसके अलावा, दूसरा कारण यह है कि बिछुवा पहनने से एनर्जी मिलती है। बिछुवा सिल्वर का होता है और सिल्वर एनर्जी का एक अच्छा स्रोत है।

अग्नि में आहुति देना
शादी तभी पूरी मानी जाती है जब अग्नि के सात फेरे न हो जाएं। हिंदू धर्म में अग्नि का विशेष महत्व है। दरअसल, इसके पीछे का कारण यह है कि अग्नि जलने से आसपास की नेगेटिव एनर्जी दूर होती है और चारों तरफ शांति का माहौल बनता है। साथ ही, इससे पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। अग्नि में घी, लकड़ी, चावल और दूसरे प्राकृतिक तत्वों को मिलाया जाता है।

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