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रूटीन से हटकर बनाएं बच्चों का खाना Make children's food out of routine



रूटीन से हट कर बनाएं बच्चों का खाना


सुबह से शाम तक मांएं अपने बच्चों के पीछे खाना लेकर भागती रहती हैं, क्योंकि उनकी यही शिकायत रहती है कि बच्चा ढंग से खाना नहीं खाता। मुश्किल तो तब आती है, जब सुबह स्कूल जाने के चक्कर में वह दूध पी कर ही दौड़ जाता है और लंच ब्रेक में भी अपने टिफिन को बिना खाना खाए बंद कर देता है।

इन सब बातों का एक ही कारण है कि बच्चे हमेशा अपनी पसंद की चीज ही खाना चाहते हैं। यदि ऐसा हो जाए तो उसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करते हुए वह पूरी तरह से एंज्वॉय करते हैं।यह बात तो तय है कि मांओं में इस बात की टैंशन हमेशा रहती है कि बिना खाना खाए बच्चों को एनर्जी कैसे मिलेगी।

इसके दो ही रास्ते उन्हें समझ में आते हैं या तो उन्हें मार कर एवं डांट कर खिला दिया जाए या फिर पैसे दे दिए जाएं कि वे कैंटीन में कुछ खा लें, लेकिन छोटे बच्चों के साथ तो यह भी नहीं किया जा सकता। दोनों ही बातें इस समस्या का हल नहीं हैं। यह जरूरी है कि खाना उनकी पसंद का बनाया जाए, ताकि खाने से उनकी दोस्ती हो जाए।

रूटीन से हट कर बनाएं
यह तो आप भी मानती हैं कि बच्चे घर की अपेक्षा बाहर का खाना बड़ी रुचि से खाते हैं, क्योंकि घर पर वही रूटीन का सादा खाना देख कर उन्हें बोरियत होती है। बच्चों में खाने के प्रति रुचि जगाने के लिए उनके खाने की रैसिपीज में थोड़ी नवीनता लाएं, ताकि बच्चों को उनके पसंदीदा खाने के लिए स्कूल में भी लंच ब्रेक का इंतजार रहे।

टेस्ट के साथ पौष्टिकता भी
बच्चों को दाल, सब्जी और रोटी से ज्यादा जंक फूड खाना बेहद पसंद होता है। यही कारण है कि पौष्टिक आहार की कमी उनके संपूर्ण विकास पर भी असर डालती है। इसलिए बच्चों को खाना खिलाने के लिए उनके टिफिन में खाने के साथ चॉकलेट, जैम और जैली जैसी चीजें रखना भी गलत ही होता है।

उनके खाने में अंकुरित दालें, पौष्टिक सलाद, हरी सब्जी-रोटी, फल आदि को अलग-अलग आकर्षक अंदाज में परोसें। डिफरैंट तरीके से खाना बनाना तथा स्कूल के लिए पैक करना ही उन्हें खाने के लिए प्रेरित करेगा तथा वे दिन भर एनर्जी से भरपूर रहेंगे।

वैरायटी लाएं
हर रोज सैंडविच या परांठा खाने से बच्चों में उसके प्रति बोरियत होना जायज है, क्योंकि हर दिन एक जैसा खाना किसी के लिए भी सहनीय नहीं होता।इसलिए हर दिन उनके लिए अलग से कुछ बनाने का प्रयास करें। सोमवार को उनके लिए स्टफ्ड परांठा,डोसा, इडली या उत्तपम बनाएं मंगलवार को अंकुरित दाल या फ्रूट चाट परांठा के साथ थोड़े चटपटे अंदाज में बना कर उन्हें खाने को दें।

बुधवार को उनके लिए हरी सब्जी के साथ परांठा खाने को दें या वैज सैंडविच दें। वीरवार को चना-पूरी या आलू-पूरी बना दें।शुक्रवार को दाल-चावल या पुलाव और शनिवार को दलिया और पोहे बना कर दे सकती हैं। रविवार को तो छुट्टी होती है, इसलिए उन्हें नूडल्स, बर्गर, कटलेट या उनकी पसंद की कोई चीज बना कर दें।

खाना पकाने का स्टाइल बदलें
बच्चे खाना चाव से खाएं, इसके लिए जरूरी है कि अपना खाना पकाने का स्टाइल भी बदल दें। दाल या सब्जी बनाने का तरीका हर बार बदल दें। कभी कोई सब्जी स्टीम में तो कोई फ्राई कर तथा किसी को सिंपल अंदाज में बना लें। इसी प्रकार परांठे भी अलग-अलग हों।

खाने की सजावट
खाने की सजावट पर भी पूरा ध्यान दें, क्योंकि स्वादिष्ट होने के साथ-साथ वह आकर्षक तरीके से परोसा हुआ भी होना चाहिए।


सुबह से शाम तक मांएं अपने बच्चों के पीछे खाना लेकर भागती रहती हैं, क्योंकि उनकी यही शिकायत रहती है कि बच्चा ढंग से खाना नहीं खाता। मुश्किल तो तब आती है, जब सुबह स्कूल जाने के चक्कर में वह दूध पी कर ही दौड़ जाता है और लंच ब्रेक में भी अपने टिफिन को बिना खाना खाए बंद कर देता है।

इन सब बातों का एक ही कारण है कि बच्चे हमेशा अपनी पसंद की चीज ही खाना चाहते हैं। यदि ऐसा हो जाए तो उसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करते हुए वह पूरी तरह से एंज्वॉय करते हैं।यह बात तो तय है कि मांओं में इस बात की टैंशन हमेशा रहती है कि बिना खाना खाए बच्चों को एनर्जी कैसे मिलेगी।

इसके दो ही रास्ते उन्हें समझ में आते हैं या तो उन्हें मार कर एवं डांट कर खिला दिया जाए या फिर पैसे दे दिए जाएं कि वे कैंटीन में कुछ खा लें, लेकिन छोटे बच्चों के साथ तो यह भी नहीं किया जा सकता। दोनों ही बातें इस समस्या का हल नहीं हैं। यह जरूरी है कि खाना उनकी पसंद का बनाया जाए, ताकि खाने से उनकी दोस्ती हो जाए।

रूटीन से हट कर बनाएं
यह तो आप भी मानती हैं कि बच्चे घर की अपेक्षा बाहर का खाना बड़ी रुचि से खाते हैं, क्योंकि घर पर वही रूटीन का सादा खाना देख कर उन्हें बोरियत होती है। बच्चों में खाने के प्रति रुचि जगाने के लिए उनके खाने की रैसिपीज में थोड़ी नवीनता लाएं, ताकि बच्चों को उनके पसंदीदा खाने के लिए स्कूल में भी लंच ब्रेक का इंतजार रहे।

टेस्ट के साथ पौष्टिकता भी
बच्चों को दाल, सब्जी और रोटी से ज्यादा जंक फूड खाना बेहद पसंद होता है। यही कारण है कि पौष्टिक आहार की कमी उनके संपूर्ण विकास पर भी असर डालती है। इसलिए बच्चों को खाना खिलाने के लिए उनके टिफिन में खाने के साथ चॉकलेट, जैम और जैली जैसी चीजें रखना भी गलत ही होता है।

उनके खाने में अंकुरित दालें, पौष्टिक सलाद, हरी सब्जी-रोटी, फल आदि को अलग-अलग आकर्षक अंदाज में परोसें। डिफरैंट तरीके से खाना बनाना तथा स्कूल के लिए पैक करना ही उन्हें खाने के लिए प्रेरित करेगा तथा वे दिन भर एनर्जी से भरपूर रहेंगे।

वैरायटी लाएं
हर रोज सैंडविच या परांठा खाने से बच्चों में उसके प्रति बोरियत होना जायज है, क्योंकि हर दिन एक जैसा खाना किसी के लिए भी सहनीय नहीं होता।इसलिए हर दिन उनके लिए अलग से कुछ बनाने का प्रयास करें। सोमवार को उनके लिए स्टफ्ड परांठा,डोसा, इडली या उत्तपम बनाएं मंगलवार को अंकुरित दाल या फ्रूट चाट परांठा के साथ थोड़े चटपटे अंदाज में बना कर उन्हें खाने को दें।

बुधवार को उनके लिए हरी सब्जी के साथ परांठा खाने को दें या वैज सैंडविच दें। वीरवार को चना-पूरी या आलू-पूरी बना दें।शुक्रवार को दाल-चावल या पुलाव और शनिवार को दलिया और पोहे बना कर दे सकती हैं। रविवार को तो छुट्टी होती है, इसलिए उन्हें नूडल्स, बर्गर, कटलेट या उनकी पसंद की कोई चीज बना कर दें।

खाना पकाने का स्टाइल बदलें
बच्चे खाना चाव से खाएं, इसके लिए जरूरी है कि अपना खाना पकाने का स्टाइल भी बदल दें। दाल या सब्जी बनाने का तरीका हर बार बदल दें। कभी कोई सब्जी स्टीम में तो कोई फ्राई कर तथा किसी को सिंपल अंदाज में बना लें। इसी प्रकार परांठे भी अलग-अलग हों।

खाने की सजावट
खाने की सजावट पर भी पूरा ध्यान दें, क्योंकि स्वादिष्ट होने के साथ-साथ वह आकर्षक तरीके से परोसा हुआ भी होना चाहिए।

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