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संबंधों में विश्वास जताने के तरीके Ways to show confidence in relationships


संबंधों में विश्वास जताने के तरीक

एक बार आपके साथी में आपकी विश्वसनीयता बन गई तो फिर किसी भी बात को समझने और समझाने में दिक्कत नहीं होती है। विश्वास ही सारी गलफहमी को दूर करता है। जिदंगी की गाड़ी को दूर तक खींचने के लिए जरूरी है कि आपके माता-पिता, घरवाले, रिश्तेदार, दोस्त आप पर विश्वास करें। विश्वास बनाने के बाद विश्वास को कायम रखना भी जरूरी होता है। आइए हम आपको बताते हैं कि किस तरह से संबंधों में विश्वास जताया जा सकता है।

संबंधों में विश्वास जताने के तरीके

झूठ का सहारा मत लीजिए
संबंधों में दरार तभी पडती है जब उसमें झूठ का तडका लगता है। हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि आप अपने साथी से किसी भी प्रकार का झूठ न बोलें। अक्सर आप द्वारा बोला गया झूठ जब दूसरे से सच के रूप मे सामने आता है तब साथी को ज्यादा दुख होता है। इसलिए बेहतर संबंध बनाने के लिए सच ही बोलना चाहिए।

बातों को छुपाएं नहीं
रिश्ते को बेहतर करने के लिए यह बहुत जरूरी है कि साथी से कोई भी बात न छुपाएं। आप अपने साथी से हर छोटी-बड़ी बातें शेयर कीजिए। अक्सर आपके द्वारा छुपाई गई कोई बात किसी दोस्त के मुंह से आपके साथी को मालूम होती है तब उसे दुख होता है। बातें छुपाने का असर यह होता है कि संबंध खराब होने लगते हैं। आप गलत भी नहीं हों फिर भी बातें छुपाने से साथी पर गहरा प्रभाव होता है।

उलझनों को सुलझाएं
अगर आपके साथी को कोई दिक्कत या परेशानी है तो उसकी बातों को सुनकर उसे सुलझाने की कोशिश कीजिए। कई बार आपका साथी किसी परेशानी की वजह से तनाव में रहता है। जिसकी वजह से वह किसी पर विश्वास नहीं करना चाहता है। ऐसे में आप अपने साथी की उलझनों को सुलझाकर अपने संबंध बेहतर बना सकते हैं।

समय निकालें
भागदौड की जिंदगी में समय सभी के लिए कीमती होता है। लेकिन अगर आपके पास इस व्यस्तता और उलझनों को सुनने के लिए कोई नहीं होगा तब आप डिप्रेशन में चले जाएंगें। इसलिए अपने साथी के लिए हमेशा समय निकालें जिससे कि आप एक-दूसरे की जरूरतों के बारे में जानें और जिससे जिंदगी जीने में आसानी होगी। अगर आप कभी व्यस्त हो तो और समय पर न पहुंच पाएं तो इसकी जानकारी अपने पार्टनर को देनी चाहिए। क्योंकि अक्सर आपका साथी आपके लिए समय का पाबंद होता है।

विश्वास बनाएं रखें
विश्वास की कमी भी संबंधों के टूटने का एक प्रमुख कारण बनती है। प्यार और संबंध का दूसरा नाम ही विश्वास होता है। जहां विश्वास नहीं है वहां पर रिश्ते टिक नहीं पाते हैं। आप गलत न भी हों, पर जीवनसाथी से बातें छिपाना उसके विश्वास को तोडने जैसा ही होता है। आपके किसी व्यवहार की वजह से पार्टनर का संदेह करना, कुछ बातें अनकही रह जाना, गलतफहमियो को दूर न करना आदि बातें अविश्वास को जन्म देती हैं।

पसंद और नापसंद का ध्यान रखें
साथी की पसंद का ध्यान रखने से विश्वास और बढता है। इसलिए कोशिश यह होनी चाहिए कि अपने साथी के पसंद के हिसाब से काम कीजिए। ऐसी बाते और व्यवहार को करने से बचें जिसे आपका साथी पसंद ना करता हो।

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