अशोक का वृक्ष - ashoka tree
अशोक एवं अशोकारिष्ट
अशोक का वृक्ष आम के पेड़ के बराबर होता है। यह दो प्रकार का होता है, एक तो असली अशोक वृक्ष और दूसरा उससे मिलता-जुलता नकली अशोक वृक्ष।भाषा भेद से नाम भेद : संस्कृत- अशोक। हिन्दी- अशोक। मराठी- अशोपक। गुजराती- आसोपालव। बंगाली- अस्पाल, अशोक। तेलुगू- अशोकम्। तमिल- अशोघम। लैटिन- जोनेसिया अशोका।
गुण : यह शीतल, कड़वा, ग्राही, वर्ण को उत्तम करने वाला, कसैला और वात-पित्त आदि दोष, अपच, तृषा, दाह, कृमि, शोथ, विष तथा रक्त विकार नष्ट करने वाला है। यह रसायन और उत्तेजक है। इसका क्वाथ गर्भाशय के रोगों का नाश करता है, विशेषकर रजोविकार को नष्ट करता है। इसकी छाल रक्त प्रदर रोग को नष्ट करने में उपयोगी होती है।
परिचय : असली अशोक के वृक्ष को लैटिन भाषा में 'जोनेसिया अशोका' कहते हैं। यह आम के पेड़ जैसा छायादार वृक्ष होता है। इसके पत्ते 8-9 इंच लम्बे और दो-ढाई इंच चौड़े होते हैं। इसके पत्ते शुरू में तांबे जैसे रंग के होते हैं, इसीलिए इसे 'ताम्रपल्लव' भी कहते हैं। इसके नारंगी रंग के फूल वसन्त ऋतु में आते हैं जो बाद में लाल रंग के हो जाते हैं। सुनहरी लाल रंग के फूलों वाला होने से इसे 'हेमपुष्पा' भी कहा जाता है।
दूसरा नकली वृक्ष आम के पत्तों जैसे पत्तों वाला होता है। इसके फूल सफेद पीले रंग के और फल लाल रंग के होते हैं। यह देवदार जाति का वृक्ष होता है, यह दवाई के काम का नहीं होता।
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