दूधी के पौधे के फायदे Benefits of dudhi plant
दूधी
दूधी दो प्रकार की होती है छोटी और बड़ी . किसी भी दीवार के किनारे , खाली बेकार पडी जगह पर नन्हे लालिमा लिए हुए छोटे छोटे पत्तों वाली दूधी नज़र आ जाती है . यह यूं ही उग जाती है ; बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है . और बड़ी दूधी के पत्ते हल्के हरे रंग के होते हैं . यह भी खाली जगह दीवारों के पास या बेकार पडी जगह पर दिख जाती है . इसका पौधा और पत्ते छोटी दूधी से थोड़े बड़े होते हैं .अगर शौच बार बार आ रहा हो या colitis की समस्या हो तो दूधी चबाएं या फिर इसका सूखा पावडर एक एक चम्मच सवेरे शाम लें . पेचिश हो तो ताज़ी दूधी पीसकर जरा सी फिटकरी मिलाकर लें . नकसीर आती हो तो सूखी दूधी पीसकर मिश्री मिलाकर लें . बच्चों के पेट में कीड़े हों तो इसका रस एक दो चम्मच दें. इससे पेट के कीड़े तो मरेंगे ही शक्ति में भी वृद्धि होगी .आदिवासी ग्रामीणों का तो यहाँ तक मानना है कि दूधी को कान पर लटकाने भर से ही पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं . हरे पीले दस्त भी इसके रस से ठीक हो जाते हैं .
मधुमेह की बीमारी हो या कमजोरी अधिक हो तो इसका एक -एक चम्मच रस सवेरे शाम लें . बाल झड़ते हों तो दूधी के रस के साथ कनेर के पत्तों का रस मलकर बालों की जड़ में लगायें . अकेला दूधी का रस भी लगा सकते हैं . लिकोरिया की समस्या हो या गर्भधारण में समस्या आ रही हो तो इसका पावडर नियमित रूप से लें या इसका काढ़ा बनाकर लें . खांसी होने पर दूधी +काली मिर्च +तुलसी लें .
No comments