बच्चों की सेहतमंद आंखों के लिए विटामिन
बच्चों की सेहतमंद आंखों के लिए विटामिन
Vitamins for healthy eyes of children
अकई मामलों में लोगों को, विशेषकर बच्चों को इस बात का अंदाजा ही नहीं होता कि उन्हें आंखों की कोई समस्या है। हमारा मस्तिष्क ही कुछ वर्षों तक आंखों को हुए नुकसान की भरपाई करता रहता है और धीरे-धीरे हम इसके आदी हो जाते हैं। लेकिन, एक हद के बाद मस्तिष्क के लिए भी इस समस्या को संभाल पाना आसान नहीं होता। और कई बार तब तक समस्या काफी बढ़ चुकी होती है।नजर कमजोर हो, तो आपका बच्चा दुनिया के सभी रंगों का पूरा मजा नहीं ले पाता। प्रिवेंट ब्लाइंडनेस अमेरिका के अनुसार अमेरिका में स्कूल जाने से पहले 20 में से एक बच्चे वह स्कूल जाने वाले हर चौथे बच्चे की कमजोर होती है। भारत में भी अठारह वर्ष से कम आयु के करीब 41 फीसदी बच्चों को नेत्र संबंधी विकार हैं। करीब 42 फीसदी कामगार, 42 फीसदी ड्राइवर और 45 फीसदी बुजुर्गों में भी इसी तरह की समस्या है।
नेत्र समस्या कितनी बड़ी है इस बात का अंदाजा इस आंकड़े से लगाया जा सकता है कि अकेले भारत में खराब आंखों की वजह से दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की मानव क्षमता का नुकसान होता है।
बच्चे के लिए विटामिन
विटामिन ए
विटामिन ए, रेटिना पर पड़ने वाली रोशनी को नर्व सिग्नल में बदलता है। इससे आपके बच्चों की आंखों की सेहत अच्छी होती है। विटामिन ए की कमी बचपन में आंखों की बीमारी का सबसे प्रमुख कारण होती है। जब शरीर में विटामिन ए की कमी होती है, तो आंखों के विभिन्न हिस्सों में बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। विटामिन ए की कमी का सबसे प्रमुख लक्षण है कि बच्चे को अंधेरे में देखने में दिक्कत होती है। हमारे शरीर को विटामिन ए आहार से मिलता है। गाजर और दूध जैसे आहार विटामिन ए से भरपूर होते हैं। इसके साथ ही कलेजी, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली आदि में भी विटामिन ए होता है।
विटामिन सी और ई
विटामिन सी और ई भी हमारी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ये विटामिन मोतिया और उम्र के मांसपेशियों पर पड़ने वाले असर को कम करते हैं। यह गंभीर स्थिति बच्चों को परेशान नहीं करती, लेकिन आप अगर अपने बच्चे को इन विटामिन से भरपूर आहार देते हैं, तो दीर्घकाल में आपके बच्चे की नजरों को लाभ ही होगा। विटामिन सी आंखों पर पड़ने वाले दबाव को कम करता है। ब्रोकली, कीवी, संतरा, स्ट्राबैरी और गोभी आदि विटामिन सी के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। वहीं, गेहूं के बीज का तेल, सूरजमुखी के बीज, बादाम और पीनट बटर आदि विटामिन ई के अच्छे स्रोत माने जाते हैं।
याद रखिये, नेत्र संबंधी समस्याओं को यदि समय रहते पहचान लिया जाए, तो आपका बच्चा भविष्य में कई संभावित नेत्र रोगों से बचा रह सकता है।
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