श्री नैना देवी जी की आरती - sri nena devi ji ki aarti
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तेरा अदभुत रूप निराला,
आजा! मेरी नैना माई ए ।
तुझपै तन मन धन सब वारूं,
आजा मेरी नैना माई ए ।
सुन्दर भवन बनाया तेरा,
तेरी शोभा न्यारी ।
नीके नीके खम्भे लागे,
अद्-भुत चित्तर करीतेरा रंग बिरंगा द्वारा । आजा
झाँझा और मिरदंगा बाजे,
और बाजे शहनाई ।
तुरई नगाड़ा ढोलक बाजे,
तबला शब्त सुनाई ।
तेरे द्वारे नौबत बाजे । आजा
पीला चोला जरद किनारी,
लाल ध्वजा फहराये ।
सिर लालों दा मुकुट विराजे,
निगाह नहिं ठहराये ।
तेरा रूप न वरना जाए । आजा
पान सुपारी ध्वजा,
नारियल भेंट तिहारी लागे ।
बालक बूढ़े नर नारी की,
भीड़ खड़ी तेरे आगे ।
तेरी जय जयकार मनावे । आजा
कोई गाए कोई बजाए,कोई ध्यान लगाये ।
कोई बैठा तेरे आंगन में,नाम की टेर सुनाये ।
कोई नृत्य करे तेरे आगे । आजा
कोई मांगे बेटा बेटी,
किसी को कंचन माया ।
कोई माँगे जीवन साथी,
कोई सुन्दर काया ।
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