श्री बद्रीनाथ जी की आरती - sri badrinath ji ki aarti
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjuwePpyZA4lQvSWTibLmJdiH_uJiKojq3KdK2-to0c83twqDltabn_gXBIwKINYXUMthNv_aUHUAwLsvoiOPn4wCY-l7iSo9XWCvuP2eLsjx_SEzz5anSxnUpUrtBpC9f0nZ3CtIZuQJXz/s1600/shri-badrinath-ji.jpg)
जय जय श्री बद्रीनाथ,जयति योग ध्यानी ।। टेक ।।
निर्गुण सगुण स्वरूप, मेधवर्ण अति अनूप।
सेवत चरण स्वरूप, ज्ञानी विज्ञानी । जय…
झलकत है शीश छत्र, छवि अनूप अति विचित्र ।
बरनत पावन चरित्र, स्कुचत बरबानी । जय…
तिलक भाल अति विशाल,गल में मणि मुक्त-माल ।
प्रनत पल अति दयाल,सेवक सुखदानी । जय…
कानन कुण्डल ललाम,मूरति सुखमा की धाम ।
सुमिरत हों सिद्धि काम,कहत गुण बखानी । जय…
गावत गुण शंभु शेष,इन्द्र चन्द्र अरु दिनेश ।
No comments