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श्री बद्रीनाथ जी की आरती - sri badrinath ji ki aarti





जय जय श्री बद्रीनाथ,जयति योग ध्यानी ।। टेक ।।
निर्गुण सगुण स्वरूप, मेधवर्ण अति अनूप।
सेवत चरण स्वरूप, ज्ञानी विज्ञानी । जय…
झलकत है शीश छत्र, छवि अनूप अति विचित्र ।
बरनत पावन चरित्र, स्कुचत बरबानी । जय…
तिलक भाल अति विशाल,गल में मणि मुक्त-माल ।
प्रनत पल अति दयाल,सेवक सुखदानी । जय…
कानन कुण्डल ललाम,मूरति सुखमा की धाम ।
सुमिरत हों सिद्धि काम,कहत गुण बखानी । जय…
गावत गुण शंभु शेष,इन्द्र चन्द्र अरु दिनेश ।
विनवत श्यामा हमेश,जोरी जुगल पानी । जय…


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