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Teach them to respect the elders-अपने से बड़ों की इज्जत करना सिखाएं





written by - unknown

बच्चे अपने से बड़ों की बातों का बहुत जल्दी अनुकरण करते हैं। अगर आप झूठ बोलेंगे, घर में अपने से बड़ों का आदर नहीं करेंगे या लड़ाई-झगड़ा करते हुए अपशब्दों का प्रयोग करेंगे तो आपको ऐसा करते देख आपका बच्चा भी वही सीखने लगेगा । अगर आप सच में अपने बच्चों से इज्जत चाहते हैं तो उनकी सोच, भावनाओं, उनकी बातों और इच्छाओं का ख्याल रखना जरूरी है ताकि वे भी आपको समझ सकें। बच्चों में अच्छे संस्कारों का प्रसार करें क्योंकि संस्कार ही हमारी परम्पराओं को अभिव्यक्त करते हैं।

चाहे कोई भी धर्म हो, सब में अपने से बड़ों का आदर और छोटों को प्यार की सीख दी जाती है। उनमें कटुता और हिंसा जैसे विचार न पनपने दें। प्राय: जब बच्चे के करियर की बात आती है तो पेरैंट्स उसे अपनी पसंद का विषय चुनने की स्वतंत्रता अवश्य दें परन्तु उसका साथ देते हुए उस विषय से संबंधित वर्तमान-भविष्य की जानकारी भी उपलब्ध कराएं। उसे बताएं जो करियर उसने चुना है उसमें भविष्य की क्या संभावनाएं हैं।उनकी रुचियों को जागृत करें व उस क्षेत्र में उन्हें आगे बढऩे के लिए पूरा सहयोग दें जिसमें उनकी रुचि हो।


कुछ पेरैंट्स की यह आदत होती है कि बच्चों को हमेशा डांटते-फटकारते रहते हैं और उनके कामों में नुक्स भी निकालते रहते हैं। इससे बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और हमेशा कटे-कटे से रहते हैं। सबसे गंभीर समस्या जो अक्सर परिवारों में देखने को मिलती है वह है बच्चों के माता-पिता घर में अपने  बुजुर्गों का आदर और सेवा नहीं करते व उनके बारे में अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। जब बच्चे अपने घर में यह सब होता देखते हैं तो उनके कोमल मन पर इन बातों का बुरा प्रभाव पड़ता है।

अपने माता-पिता की देखा-देखी में वे भी तमीज का दायरा तोडऩे लगते हैं। बात-बात पर ऊंचा बोलना, हरेक के आगे जवाब देना, मुंहफट और उग्र व्यवहार उनके व्यक्तित्व पर बिगड़ैल बच्चे का ठप्पा लगा देता है। ऐसे में पेरैंट्स को चाहिए कि वे अपने बुजुर्गों के प्रति उदार रवैया अपनाएं और उनके प्रति सम्मान दर्शाते हुए उनकी हर जरूरत का ध्यान रखें। बच्चों पर आपकी इन अच्छाइयों का प्रभाव यह होगा कि वे समझदार तो बनेंगे ही साथ में माता-पिता के रूप में आपको सम्मान पूरा देंगे।


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