अलग होने के फैसले पर पछतावा हो सकता है May have to regret the decision to separate
सोच समझकर करें अलग होने का फैसला
साथी से चर्चा करें
किसी सम्बन्ध को समाप्त करना पारस्परिक निर्णय होना चाहिए और आपस में मिल बैठकर बात कर लेनी चाहिए ताकि किसी प्रकार की गहतफहमी न रहे। हो सकता है कि दोनों के बीच संवाद का तार टूट चुका हो लेकिन फिर भी कुछ महत्व पूर्ण मसलों पर चर्चा करना फिर भी ज़रूरी है। यह विचार-विमर्श शांतिपूर्वक और निर्णायक रूप में करें।
दोषारोपण से बचें
इस बारे में कोई फैसला देने से बचें कि किसकी गलती ने सम्बन्ध को खराब कर दिया। चाहे आपको लगता हो कि पूरी तरह से यह सामने वाले की गलती से ही हुआ है लेकिन अपनी इस राय को जाहिर न करें। सम्बन्ध का समापन किसी दोषारोपण के साथ नहीं होना चाहिए क्योंरकि इसमें दोनों की ही कुछ न कुछ भूमिका रही हो सकती है।
बच्चों को जानकारी दें
यदि आप शादीशुदा हैं और तलाक चाहते हैं तो, यदि आपके बच्चे हों, उन्हें अपने फैसले की जानकारी ज़रूर दें कि क्या बदलाव होने वाला है। बच्चे संवेदनशील होते हैं और बड़ों के मामलों को गहराई से नहीं समझ सकते लेकिन उनको मोटे तौर पर बताना ज़रूरी है कि क्या होने जा रहा है।
अलग होने के नतीजे
अलग होने से पहले वित्तीय मामलों के बारे में जरूर जानकारी लें क्योंकि अक्सर पत्नी को भयंकर आर्थिक समस्या से जूझना पड़ता है। यह बात एक अध्ययन में भी सामने आयी जो यूरोप में सात साल तक किया गया। उस अध्ययन में पता चला कि तलाक के बाद जहां पुरुषों की आमदनी में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, वहीं स्त्रियों की आमदनी 17 प्रतिशत घट गयी।
दोहरी भूमिका
जो तलाकशुदा माता-पिता अलग-अलग रहते हैं, उन्हें बच्चों की परवरिश करने के लिए दोहरी भूमिका निभानी पड़ती है। बच्चों के लिए उन्हें उनके माता-पिता दोनों बनना पड़ता है। साथ ही बच्चों की देखभाल कैसे की जाएगी और उन्हें अनुशासन कैसे दिया जाएगा। उनकी हर जरूरत को समझना और पूरा करना।
अलग होने का आप पर असर
साथी से अलग होने के बाद एक इंसान कई तरह की भावनाओं से गुज़रता है। एक तरफ आप अपने पूर्व साथी से अभी भी प्यार करते होंगे, क्योंकि बीते वक्त में आप दोनों ने एक साथ कई प्यार भरे पल बिताए होगें। वहीं दूसरी तरफ आपको उस पर गुस्सा भी आता होगा।
अलग होने का बच्चों पर असर
लोग तलाक तो ले लेते हैं, पर अकसर यह नहीं सोचते कि इसका बच्चों पर क्या असर होगा। बच्चे आपके इस फैसले को समझ नहीं पाते हैं उन्हें बस यह पता होता है कि उनके माता-पिता अलग हो रहे हैं। बच्चों के लिए माता या पिता में से किसी एक को चुनना बहुत मुश्किल होता है।
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