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ऊंचाई में सुधार के लिए प्राकृतिक टिप्स natural Tips for height improvement




कद लमबा करने के नुसखे

अश्वगंधा,चंद्रसूर दोनो को ही आयुर्वेद में शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण जडीबूटी माना गया है।

सामान 1- 20 ग्राम सूखी नागौरी अश्वगंध,
हालों या चंद्रसूर 2-30 ग्राम हलंग,हालों या चंद्रसूर ( Chansur, Halim, Haloon, Chandrasur , English Name : Common Cress, Watercress, Garden Cress )जो एक ही चीज के नाम है 3- 20 ग्राम देशी चीनी।

खीर बनाने की विधि- सूखी नागौरी अश्वगंधा को बारीक कूट-पीस लें। चंद्रसूर को साफ़ करके गाय के 250 ग्राम दूध मे हलकी आंच पर पका ले जब प्रैशर कूकर की एक सीटी बज जाए तब उतार कर बारीक किया हुआ अश्वगंधा व चीनी डाल कर ढक कर थोडा सेक लग्वा दें। यह खीर हर रोज रात को सोते समय खाएं व लगातार 45-60 दिन इसतेमाल करके नतीजा खुद देख लें ओर अपना अनुभव हमारे दर्शको के लिए हमारी वेब साईटपर भी पोस्ट कर देना

2:-नुस्खा

काले तिल और अश्वगंधा का यह योग नियमित रूप से सेवन करने पर हाइट बढ़ने लगती है।

सामग्री- 1.अश्वगंधा चूर्ण 20 ग्राम।

2. काले तिल 20 ग्राम।

3. खजूर 10 ग्राम।

4. गाय का घी 5 ग्राम ।

बनाने की विधि- 1 से 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण और 1 से 2 ग्राम काले तिल को पीसकर चूर्ण बना लें।
ऐसे करें सेवन- इस चूर्ण को 3 से 5 खजूर में मिलाकर 5 से 20 ग्राम गाय के घी में एक महीने तक खाने से लाभ होता है।


नुस्खा 3

केवल अश्वगंधा का पाउडर लेने से भी कद बढ़ने लगता है।

सामग्री- 1. नागोरी अश्वगंध
2. चीनी
3. दूध
लम्बाई कैसे बढ़ाएंबनाने की विधि- थोड़ी सी मात्रा में अश्वगंधा की जड़ लेकर उसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में बराबर मात्रा में चीनी मिलाकर रख लें।

ऐसे करें सेवन- इस मिश्रण को 2 चम्मच मात्रा में एक गिलास दूध में डालकर पिएं। रात को सोने से पहले 60 दिनों तक इस योग का सेवन करने से शरीर सुडौल बनता है और कद बढ़ जाता है।

प्रहेज- बजार की बनी वस्तूएं, इमली की व आम्चूर की खटाई,तेज मिर्च मसाले,तली व चट्पटी बाजारी चीजो का सेवन बिलकुल बन्द कर दें। कोई भी खटाई न खाएं।
इन दवाओं के साथ गाय के दूध पीना अनिवार्य है।

ताड़ आसन करने की विधि

ताड़ आसन करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों हाथ ऊपर उठाएं।
हाथ उठाकर सांस अंदर लें। अपने पैर के पंजों पर कुछ समय के लिए खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को मिलाएं और अपने शरीर को ऊपर की तरफ खीचें। कुछ देर उसी अवस्था में रहें। फिर सांस बाहर छोड़ें और दोनों पैर के पंजों को सामान्य अवस्था में ले आएं। यह क्रिया 10 से 15 बार करें।

भुजंगासन करने की विधि

पेट के बल लेट जाएं। दोनों पैरों को मिलाकर रखिए। सिर जमीन पर, आंखें खुली हुई और दोनों बाजू को कोहनी से मोड़ें। हाथों को कंधों के नीचे रखें। कोहनी बाहर की ओर न हो, बल्कि शरीर के साथ लगाकर रखें। एक ही बार में सांस नहीं भरेंगे, बल्कि आसन करते हुए धीरे-धीरे सांस भरें। धीरे-धीरे सांस लेना शुरू करें और फिर सिर को उठाएं। गर्दन को पीछे की ओर मोड़ें। पीठ की मांसपेशियों का बल लगाते हुए आप कंधे भी उठाएं। हथेलियों पर थोड़ा दबाव रखते हुए छाती और नाभि तक का भार उठाएं। हर स्थिति में नाभि को जमीन से 30 सेंटीमीटर ही ऊपर उठाना चाहिए। ज़्यादा नहीं, अन्यथा कमर भी उठ जाएगी। इस स्थिति में कोहनी सीधी नहीं होगी। इसके बाद आकाश की ओर देखें। इस अवस्था में सांस रोंके। कमर के निचले भाग पर खिंचाव आएगा, जिसे आप महसूस कर पाएंगे। इस स्थिति में 3-4 सेकंड तक रहें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं। इसके साथ ही अपने डाइट चार्ट में ज्यादा से ज्यादा फल और मेवे शामिल करें। कद बढ़ने लगेगा।

सबसे बड़ा नुस्खा अपने आप में खुश रहना सिख लो और अपनी ताकत को पहचानों क्योंकि इंसान की इछायें कभी पूरी नहीं होती। तो दुखी ना होकर अपने अन्दर छुपे गुणों को पहचानो सुख खुद ही मिलने लगेगा।
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