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पैर घावों के पारंपरिक आदिवासी उपचार traditional tribal treatment of foot sores


पैरों की बिवाइयों का देसी आदिवासी इलाज

आदिवासियों के अनुसार, लगभग 20 ग्राम मोम लीजिए और लगभग इतनी ही मात्रा में गेंदे की ताजी बारीक-बारीक कटी हरी पत्तियाँ। दोनो को एक बर्तन में लेकर धीमी आंच पर गर्म कीजिए, कुछ देर में मोम पिघलने लगेगी और साथ ही पत्तियों का रस भी मोम के साथ घुल मिल जाएगा।

जब मोम पूरी तरह से पिघल जाए, हल्का हल्का खौलने लगे, बर्तन को नीचे उतार दीजिए और ठंडा होने दीजिए। मोम को सोने से पहले पैरों की बिवाइयों पर लगाइये, दिन में भी इस मोम को लगाकर मोजे पहन लें, पैरों की बिवाईयों या कटे फ़टे हिस्से दो दिन में ठीक होने लगेंगे।

एक दूसरा उपाय भी है जिसे आप घर पर ही आजमा सकते हैं

पैरों को नींबू का रस मिलाए हुए पानी में डुबाकर कुछ देर के लिए रखें। इसे लूफा या मुलायम स्क्रबर से घिसें। पैरों पर पके हुए केले का पल्प भी लगाकर रख सकते हैं। नींबू का रस नैचुरल ऐसिड होता है इसकी मदद से मृत त्वचा को बिना किसी परेशानी के निकाला जा सकता है।

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