अगर गर्भवती महिला को सीने में दर्द हो तो क्या करें What to do if a pregnant woman has chest pain
गर्भवती स्त्री की छाती में दर्द Breast pain during pregnancy
गर्भकाल (गर्भावस्था के समय) के समय में किसी-किसी स्त्री को छाती में दर्द होने लगता है। इस रोग के कारण रोगी स्त्री करवट लेकर ठीक ढंग से सो भी नहीं पाती है।
गर्भवती स्त्री की छाती में दर्द होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
गर्भवती स्त्री की छाती में दर्द होने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी स्त्री को सादा भोजन कराना चाहिए, इसके बाद स्त्री की छाती के पास दर्द वाली जगह पर दिन में दो बार मिट्टी की गीली पट्टी का लेप करना चाहिए।
गर्भवती स्त्री को अपनी छाती के पास दर्द वाली जगह पर सूर्यस्नान (धूप की किरणों का सेवन कराना) करना चाहिए। इसके बाद उसे कटिस्नान या फिर मेहनस्नान करना चाहिए। इस प्रकार से उपचार करने पर गर्भवती स्त्री की छाती का दर्द ठीक हो जाता है।
पीले रंग की बोतल का सूर्यतप्त जल का तीन भाग तथा गहरे नीले रंग की बोतल का सूर्यतप्त जल का एक भाग को आपस में मिलाकर एक बोतल में भर लीजिए। इसके बाद इस जल की लगभग 25 मिलीलीटर की मात्रा लेकर प्रतिदिन 4 बार सेवन करना चाहिए। फिर इसके बाद पीले और हरे रंग की बोतलों का सूर्यतप्त जल बराबर मात्रा में लेकर, फिर इसको थोड़ा गर्म करना चाहिए। इसके बाद इस गर्म जल में कपड़े की गद्दी को भिगोकर छाती पर दर्द वाले भागों की सिंकाई करनी चाहिए। जिसके फलस्वरूप गर्भवती स्त्री के छाती का दर्द जल्दी ही ठीक हो जाता है।

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