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गर्भावस्था के दौरान ऊर्जा बनाए रखें Maintain energy during pregnancy


गर्भावस्था मे उर्जा बनाये रखना


लगातार खाते रहें

अक्सर ऐसा होता है कि एक गर्भवती महिला का पेट इस कदर अनाप शनाप खान पान से भरा होता है कि वह अपने आहार में अतरिक्त कैलरी जोड़ नहीं पाती। पूरे दिन में अल्प मात्रा में और थोड़े थोड़े अंतराल पर खान पान का सेवन करने से शरीर में अतिरिक्त कैलरीओं को जोड़ा जा सकता है। इससे मतली और सीने में जलन जैसी शिकायतों से भी जूझा जा सकता है।
कार्यस्थल पर अपना आहार साथ लेकर जाएँ ताकि आप पूरा दिन कुछ न कुछ खा सकें। ऐसे खान पान लेकर जाएँ जिन्हें तैयार करने या पकाने की आवश्यकता नहीं पड़ती, जैसे कि सूखे मेवे वगैरह। ताज़े फल और चीज़ या पनीर का भी सेवन किया जा सकता है।खाना पकाते समय उबालने, सेंकने, भूनने की प्रक्रिया का प्रयोग करें।
खाने में कम से कम नमक का प्रयोग करें। नमक का ज्‍यादा प्रयोग करने से वजन कम होता है, इसलिए वजन बढ़ाना है तो ज्‍यादा नमक का प्रयोग करने से बचें।
कृत्रिम पेयों का सेवन बिलकुल न करें, उसके बदले पानी या ताज़े फलों के रस का प्रयोग करें। जंक फ़ूड का सेवन करने से बचें। प्रोटीन युक्त आहार जैसे कि मांस, मछली, अंडे और दालों का सेवन करें।
गर्भावस्था के दौरान आहार में कैल्शियम, प्रोटीन और आयरन की आवश्यकता अधिक हो जाती है।
इस दौरान सारे विटामिन और सप्लीमेंट की आवश्यकता भी अधिक होती है।
वजन बढ़ाने के लिए दूध और दूध के उत्पादन का सेवन दिन में कम से कम 2 या 3 बार करें।
अपने आहार में हरी सब्जियां और ताज़े फलों का सेवन भी बढ़ा दीजिए।
खानपान में करबोहाइड्रेट और फैट की ज्यादा मात्रा बिलकुल न बढ़ायें।

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