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बच्चों की पसली चलना (Running​ ribs in children)

 




बच्चों की पसली चलना Running​ ribs in children


प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार नवजात बच्चों का स्वास्थ्य माता के भोजन पर निर्भर करता है। यदि किसी तरह से मां रोगी है तो बच्चा भी बीमार होता रहेगा क्योंकि बच्चा मां के दूध का ही सेवन करता है। इसलिए बच्चे को रोग होने पर उसका इलाज करने के साथ-साथ मां का इलाज करना भी जरूरी है। छोटे बच्चों को बचपन में कई सारे रोग हो जाते हैं जिनमें बच्चों की पसली चलना भी एक प्रकार का रोग है। इस रोग के कारण बच्चे की पसली चलने लगती है।
बच्चे की पसली चलने का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-

बच्चे की पसली चलने लगे तो उसे ठीक करने के लिए शुद्ध दूध तथा फलों का रस बच्चे को चम्मच से पिलाना चाहिए तथा इसके बाद बच्चे के पेड़ू पर मिट्टी की पट्टी करनी चाहिए।
इस रोग को ठीक करने के लिए बच्चों को एनिमा भी देना चाहिए।
यदि बच्चे की पसली चलना न रुके तो बच्चे के पेड़ू पर हर 3-3 घण्टे के बाद मिट्टी की गीली पट्टी करते रहना चाहिए।
देशी घी में अजवायन को हल्का गर्म करके उससे बच्चे की छाती पर मालिश करनी चाहिए। इससे बच्चे की पसली चलना बंद हो जाती है।

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