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सफर के समय जी मिचलाना तथा उल्टी आने से रोकने के घरेलू उपाए Home remedies to stop nausea and vomiting while traveling



सफर के समय जी मिचलाना तथा उल्टी आना

Nausea and vomiting while traveling

कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें यात्रा करते समय उल्टी होती है और मतली महसूस होने लगती है। अक्सर ऐसा होता है कि वे लोग ठीक होते हैं लेकिन जैसे ही वे कहीं जाने के लिए बस या ट्रेन में बैठते हैं, उन्हें मिचली आने लगती है और उन्हें उल्टी होने लगती है। इससे उनकी यात्रा शुरू होने से पहले ही खराब हो जाती है।

यात्रा के दौरान मतली और उल्टी के मामले में प्राकृतिक चिकित्सा के साथ उपचार-
जैसे ही सफर करने के समय में व्यक्ति का जी मिचलाने लगे तथा उल्टियां होने लगे उसी समय व्यक्ति को अपने मुंह में लौंग रखकर चूसनी चाहिए। इससे जी मिचलाना और उल्टियां होना भी बंद हो जाती हैं।
सफर पर जाने से आधे घंटे पहले ही 1 चम्मच प्याज के रस और 1 चम्मच अदरक के रस को मिलाकर पी लें। इससे सफर में जी नहीं मिचलाएगा (उबकाई नहीं आयेगी)। अगर सफर ज्यादा लम्बा हो तो यह रस बनाकर अपने साथ ही रख लें। इस रस को दुबारा 4 से 6 घंटे के बाद पी सकते हैं। इस रस को पीने से जी नहीं मिचलाता तथा उल्टी भी नहीं होती।
सफर पर निकलने से पहले लगभग 240 मिलीग्राम से 1 ग्राम जयपत्री को अगर सुबह और शाम खा लिया जाए तो सफर बहुत अच्छा बीतता है। पर इसकी मात्रा उम्र के मुताबिक देनी चाहिए नहीं तो चक्कर आ सकते हैं।
धनिये के थोड़े से दाने मुंह में रखकर चबाते रहने से मिचली (उबकाई) नहीं आती।
दालचीनी का तेल 1 से 3 बूंद बतासे पर डालकर मुंह में रखने से उबकाई नहीं आती है।
जानकारी-

        इस प्रकार की चीजों को सफर के दौरान अपने पास रखना चाहिए ताकि यदि इन चीजों की आवश्यकता पड़ने पर तुरंत ही उपचार किया जा सके।

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