Latest posts

बारिश के मौसम में स्वस्थ कैसे रहें How to stay healthy during rainy season


बारीस का मौसम


ग्रीष्मकाल के समाप्ति के बाद तपती हुई धरती पर जब बारीश की रिम-झिम बौछारे गिरती है तो वह तरो तजा तो करती है पर साथ ही कई बीमारीयो को आमंत्रण भी देती है। हर किसी को इस सुहाने मौसम का पूरा लुफ्त उठाने की इच्छा होती है पर साथ ही इस मौसम मे लोग अक्सर जल्दी बीमार हो जाते है।
बारिश के मौसम में मलेरिया,डेंगू ,सर्दी-खांसी,जुलाब,उलटी,टाईफ़ोइड,त्वचा रोग,पीलिया इत्यादी अनेक रोग फैलते है। जिस तरह हम बारिश से बचने के लिए छाते के इस्तेमाल करते है ठीक उसी तरह बरसात के मौसम मे फैलनेवाली इन बीमारियों से बचने के लिए हमें कुछ एहतियात रूपी छाते का इस्तेमाल करना चाहिए।
वर्षा ऋतु में नीचे दिए हुए जरुरी एहतियात बरते !
१) हमेशा ताजे और स्वच्छ सब्जी / फल का सेवन करे।
• ध्यान रहे की खाने से पहले फल / सब्जी को अच्छे से स्वच्छ पानी से धो कर साफ कर ले,खासकर हरीपत्तेदारसब्जी।
• बासी भोजन,पहले से कटे हुए फल तथा दुषित भोजन का सेवन न करे ।
• हमेशा ताजा गरम खाना खाए।
• इस मौसम में सब्जी / फल जल्दी ख़राब हो जाते है इसलिए हमेशा ताजा फल या सब्जी का प्रयोग करे।
• इन दिनों में हमारी पाचन शक्ति सबसे कम होती है।इसलिए जरुरी है अधिक तला,भुना खाना न खाया जाए बल्की ऐसा भोजन खाया खाए जो आसानी से पच जाए।जब भूख लगे तब ही और जीतनी भूख हो उतना ही आराम से पचने लायक खाना लेना चाहिए।
• ज्यादा ठंडा,खट्टा न खाए।ज्यादा नमक वाली चीजे जैसे चिप्स,कुरकुरे,चटनी,पापड कम खाए क्योंकी इस मौसम मे शरीर मे water retention कि संभावना ज्यादा होती है।
२) बाहर का खाना मना है।
• बाहर का सड़क के किनारे मिलनेवाला या होटल का खाना खाने से पूरी तरह बचना चाहिए। .
• बाहर का खाना खाने से जुलाब,उलटी,टाईफ़ोइड इत्यादी गंभीर रोग हो सकते है।
• सड़क के किनारे बेचे जानेवाले चायनिझ फ़ूड,भेल,पानी पूरी यह फ़ूड पॉईजनिंग होने के प्रमुख कारण है।
३) भरपूर स्वच्छ पानी का सेवन करे।
• वर्षा ऋतु में हवा में अधिक नमी होने के कारण शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकलती है और साथ ही पसीना भी ज्यादा आता है,ऐसे में जरुरी है की शरीर में पर्याप्त पानी का प्रमाण रखने के लिए भरपूर पानी का सेवन करे।
• हमेशा उबाल कर ठंडा किया हुआ या फ़िल्टर किये हुए स्वच्छ पानी का सेवन करे।कम से कम १५ मिनट तक पानी अवश्य उबाले।
• ठंडा पेय पीने की बजाय तुलसी,इलायची की चाय या थोडा गरम पानी पीना ज्यादा फायादेमंद है।
४) बारिश से बचाव
• हर किसी को बारिश में भीगना पसंद है पर बारिश में ज्यादा देर तक भीगने से सर्दी-खांसी और बुखार हो सकता है।
• बारिश में भीगने पर ज्यादा देर तक बालो को गीला न रखे।
• अगर आप को अस्थमा है या फिर आपको जल्दी सर्दी-जुखाम-खांसी हो जाती है तो बारिश में न भीगे।
• बारिश से बचने के लिये छाता/रेनकोट का इस्तेमाल करना चाहिये।
• कपडे/जूते /चप्पल गीले हो जाने पर तुरंत बदल दे।ज्यादा समय तक गीले कपडे पहनने से फंगल ईत्यादी त्वचा रोग हो सकते है।
• डायबिटीज के मरीजो को विशेष रूप से अपने पैरो को ज्यादा ख्याल रखना चाहिये।पैर गीले होने पर तुरंत उन्हे साफ कर देना चाहिये।
५) बुजर्गो की देखभाल
• बदलते मौसम मे बुजर्गो के बिमार होने कि संभावना ज्यादा होती है। इसलिये जरुरी है कि उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाए।
• बुजर्ग बारीश मे ज्यादा बाहर न निकले।गरम चाय,कोफी या सूप पिए।
• ज्यादा कच्चे फल या सलाद न खाए।
• खाने मे हल्दी ,ईलायची,सौन्फ,दालचीनी का इस्तेमाल करे।इनसे रोगप्रतिकार शक्ती बढती है।
६) अन्य सावधानियां
• रात्री मे सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करे।
• अपने घर के आस-पास गंदगी न होने दे। घर के आस-पास के गड्ढों को भर दे।जिससे बारिश का पानी रुककर सडने न पाए। इससे मच्छर उत्पन्न नही होंगे।
• घर कि अच्छी तरह फ़िनाईल से सफाई करे ताकि मक्खियाँ न आए।
• बच्चो को बारीश से पूर्व ही Typhoid और Hepatitis के vaccine लगवा दे।
• अपनी नियमित चल रही दवाईयो का अधिक खुराक जमा कर ले ताकि बारीश कि वजह से बाहर न जा सकने पर दवा मे कोई गैप न पडे।
• किसी भी रोग कि शंका होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाए।

if u like the post please like and shear

No comments