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बच्चों की अच्छी परवरिश करने के कुछ आसान टिप्स

 




बच्चों की अच्छी परवरिश करने के कुछ आसान टिप्स

Some easy tips for raising children well

वर्किंग पेरैंट्स के लिए घर और आफिस का काम संभालने के साथ-साथ बच्चों की परवरिश करना एक चुनौतीपूर्ण काम है । नौकरी के लिए भागदौड़ के साथ बच्चों को पालना कम मशक्कत का काम नहीं है । ऐसे में पेरैंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों की परवरिश में दोनों ही अपनी-अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाएं ।

- बच्चों को बेहतर शिक्षा और जीवन देने के लिए आपका बाहर जाकर काम करना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है बच्चों को अपने काम के बारे में समझाना। उन्हें समझाएं कि उनके अच्छे भविष्य के लिए ही आप काम कर रहे हैं ।

- कई बार मां के काम को लेकर बच्चा असमंजस की स्थिति में रहता है क्योंकि उसके कई दोस्तों की मम्मी घर संभालती है और पिता आफिस । ऐसे में उसे लगता है कि उसकी मां घर पर क्यों नहीं रहती । इस स्थिति में मां को चाहिए कि वह बच्चे की विश्वासपात्र बने और बच्चे पर भी भरोसा रखे ।

- बच्चों की परवरिश में पिता की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण होती है । बच्चे के जीवन में कई क्षण ऐसे भी आते हैं जब उन्हें पिता की आवश्यकता भी होती है ।

- महज महंगे खिलौने या गिफ्ट देने से आपकी जिम्मेदारी समाप्त नहीं होती। बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। उनके होमवर्क में मदद करें और उनकी रुचियों के अनुसार उन्हें आगे बढऩे के लिए प्रेरित करें। ऐसे में आपके प्यार की गर्माहट उसे हमेशा आपके करीब रखेगी।

- अपने बच्चों के प्रति दोस्ताना व्यवहार रखें। उसकी दिनचर्या पूछते हुए दोस्तों के बारे में बातें करें। खासतौर से अगर बच्चा किशोरावस्था से गुजर रहा हो तो उससे नजदीकियां बढ़ाने के लिए दोस्ती करें ताकि वह बेहिचक आप से बातें शेयर कर सके ।

- अनुशासन में रखने के लिए उसे प्रताडि़त न करें। गलती होने पर उन्हें प्यार से समझाएं। अगर घर में दूसरा बच्चा भी है तो दोनों को प्यार से रहना सिखाएं ।

- सबसे जरूरी बात बच्चे बड़े हों और घर में अकेले हों तो उन्हें अपनी सेफ्टी से जुड़ी सारी बातें समझाएं कि आगंतुकों के लिए दरवाजा न खोलें और न ही किसी अजनबी से घर की बातें शेयर करें ।

- एक बच्चे के सामने दूसरे की आलोचना न करें। दोनों की तुलना करने से दोनों एक-दूसरे के दुश्मन बन सकते हैं। आलोचना की बजाय सराहनीय कार्यों की प्रशंसा करें। इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है ।

- जब आप शाम को घर लौटें तो बच्चों को गोद में लेकर प्यार-दुलार करें। रात में उनका मनपसंद डिनर तैयार करें और एक साथ बैठ कर खाएं ।

- छुट्टी के दिन बच्चों के साथ बाहर घूमने का प्रोग्राम अवश्य बनाएं। बच्चों के साथ-साथ आपको भी थोड़ा फ्रैश वक्त मिल जाएगा ।

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