बच्चों की देखभाल के लिए कुछ आसान नुश्खे
बच्चों की देखभाल के लिए टिप्स
Some easy tips for children care
बच्चों की उचित देखभाल एक महत्वपूर्ण विषय है। किसी भी बच्चे का विकास उसकी देखभाल पर निर्भर करता है। इसलिए बच्चों की सही तरीके से देखभाल करना बेहद जरूरी होता है।जब घर में कोई नया छोटा सा मेहमान आता है, तो घर खुशियों से भर जाता है, साथ ही बढ़ जाती हैं मां-बाप की जिम्मेदारियां भी। सच में घर में बच्चा आता है तो आपकी पूरी दुनिया ही बदल जाती है। माता-पिता बनने का एहसास बेहद खास होता है। आप अपने सभी काम उस नन्हें मेहमान के समय के अनुसार करने लगते हैं। कोई भी माता-पिता अपने बच्चे की देखभाल में कोई कोताही नहीं बहरतना चाहते, साथ ही वे उसके देखभाल को लेकर काफी उत्साहित भी रहते हैं। ऐसे में माता-पिता के मन में ढेर सारे सवाल खड़ें हो जाते हैं, जैसे किस तरह से वे अपने बच्चे की देखभाल करें। खासतौर से जो पति-पत्नी अकेले रहते हैं, उनके लिए शिशु के व्यवहार को समझने और उसके पालन पोषण के सही तरीके अपनाने में थोड़ी समस्या होती है।
अभिभावक बनने के सुख करें एंजॉय
बच्चे की देखभाल के लिए सबसे पहले अभिभावक बनने के सुख को एंजॉए करना सीखें। और लालन पालन के सही तरीकों को जानने के लिए समय-समय पर अपने डॉक्टर या घर के बड़े-बुजुर्गों से सलाह लेते रहें। हां, यह जरूर है कि शिशु की देखभाल को लेकर काफी सावधानी बरतनी होती है। यही नहीं आपको बच्चे की देखभाल करते हुए कुछ बातों का खास खयाल रखना होता है।
अपनी सहनशीलता बढ़ाएं
बच्चों की सही देखभील के लिए आपको खुद में कई बदलाव करने होते हैं। ज्यादातर बच्चे अपने आस-पास की चीजों को लेकर जिज्ञासू होते हैं, और सहज भाव से उन्हें जानने और परखने के लिए लालहित हो उठते हैं, वे दिमाग के विकास के दौर में होते हैं, और कई गलतियां कर बैठते हैं। ऐसे में आप संयम रखएं और उन्हें प्यार से समझाने का प्रयास करें। बच्चों को प्यार दीजिये अगर आपका बच्चा कंट्रोल के बाहर है तो उसे बहुत सारा प्यार दीजिये। इससे वे शांत हो जाएंगे। जब उनका मूड खराब हो तो उन्हें अपने गले लगाकर उनसे बात करें और समझाएं।
बच्चों को सुने और समझें
बच्चे कई बार बोलना न जानने या फिर कम ज्ञान की वजस से अपनी बात ठीक से बता नहीं पाते। इसलिए उनकी बात ठीक से सुनिये, क्योंकि उन्हें आपका ध्यान आकर्षित करना है। इससे वे शांत रहते हैं और आपकी बात भी मामने लग जाते हैं।
बच्चों को पूरा समय दें
खासतौर पर शहरों सिंगल फैमिली कल्चर और माता-पिता दोनों के कामकाजी होने के चलते बच्चे अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं, जो उनके वर्तमान और भविश्य दोनों के लिए खतरनाक है। इसलिे जब भी समय मिले, या कोई काम करते समय अपने बच्चों को साछ इन्वॉल्व करें, अनसे बात करें और स्य दें। साथ ही उन्हें स्पेश फ्रेंड्स खोजनें में मदद करें या फिर आप खुद भी उकने सबसे अच्छे दोस्त बन सकते हैं।
अपने बच्चों को अपने साथ किचन में हल्का फुल्का काम करने की आदत डलवाएं। इससे उनका ध्यान बंट जाएगा। साथ ही बच्चों को घर से बाहर जाकर दूसरे बच्चों के साथ खेलने दें। दोस्तों के बीच वह खुलकर व्यवहार कर पाएंगे। अपने उम्र के बच्चों के साथ रहकर वह बात कर पाएंगे और सामाजिक बन पाएंगे।
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