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बच्चों को कैसे बनाये पर्यावरण हि‍तैषी

 




बच्चों को बनाये पर्यावरण हि‍तैषी

How to make children environmentally friendly

एक पुरानी कहावत है- हम यह धरती अपने बच्चों से उधार लेते हैं। यानी वे संसाधन जिनका आज हम इस्‍तेमाल या कहें कि दोहन कर रहे हैं, वे हमारे पास आने वाली नस्‍ल की धरोहर हैं। अपने गांव में बिताया अपना बचपन याद कीजिए- याद कीजिए सारा दिन मुहल्‍ले की गलियों में किस तरह गुजर जाता था। पता नहीं चलता था कि दोपहर पर बुढि़या नानी की दीवार पर पैर रख दूसरी फांद जाती और कब रात पूरे इलाके को अपने आगोश में समेट लेती।

पेड़ों पर चढ़ना, लुक्का-छुप्पी खेलना, मि‍ट्टी के घर बनाना और घर के पास की नहर या ट्यूबवैल पर जाकर सारा दि‍न मस्ती करना। पढ़ाई के बाद का बचा वक्त घर से बाहर ही गुजरता। और छुट्टि‍यों में तो एक बार सुबह जो घर से नि‍कले तो फिर तब तक लौटना न होता जब तक मां परेशान होकर तलाशने ना आ जाती।

लेकिन, आज के बच्‍चे तो पढाई और कॉम्पिटीशन के बोझ से ही दबे जा रहे हैं। और बाकी बचा-खुचा वक्‍त कंप्‍यूटर और मोबाइल और इंटरनेट की भेंट चढ़ रहा है। अब बच्‍चे गलियों के नुक्‍कड़ पर नहीं, फेसबुक पर मिलते हैं। खतों की जगह मेल और संदेशों की जगह एसएमएस ने ले ली है। भले ही सभी बच्‍चे ऐसे न हों, लेकिन शहरी बच्‍चों की जिंदगी से शारीरिक और सामाजिक क्रियाकलाप लगभग समाप्‍त ही हो गए हैं। बच्चे प्रकृति‍ से दूर होते जा रहे हैं और ऐसे में माता-पि‍ता की जिम्‍मेदारी बनती है कि वे बच्चों को प्रकृति से जोड़ने का काम करें।

1. प्‍लांट हो बर्थडे गि‍फ्ट
बच्चों को उनके बर्थडे पर महंगे-महंगे तोहफे देने की बजाए अगर एक छोटा सा पौधा एक परफेक्ट गि‍फ्ट रहेगा। बच्चे अपने तोहफों के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं। वह कुछ ही दि‍नों में अपने पौधे से प्‍यार करने लगेगा। प्रकृति‍ प्रेम के बीज बोने का यह एक अच्छा तरीका हो सकता है। इसकी शुरुआत गमले में पौधे से की जा सकती है। या फि‍र उसे कि‍सी खाली जगह ले जाकर उसके हाथ से पौधा लगवायें। समय-समय पर उसे उस पौधे के पास ले जाते रहें। इससे उसके मन में उस पौधे के साथ भावनात्मसक जुड़ाव हो जायेगा।

2. टीवी और इंटरनेट की लें मदद
टीवी पर भी प्रकृति‍ के बारे में ज्ञान देने वाले कई कार्यक्रम आते हैं। डि‍स्कवरी और एनि‍मल प्लेनेट जैसे चैनल तो इसी तरह के कार्यक्रम ही दि‍खाते हैं। बच्चों के साथ बैठकर इस तरह के कार्यक्रम देखें। बच्चे से इस बारे में बात करते रहें और साथ ही उसके मन में प्रकृति‍ के बारे में रुचि‍ पैदा करने का प्रयास करते रहें।

3. खुद बनें मि‍साल
बच्चों को कुछ बताने से पहले उसे स्वयं अपनी आदत बनायें। बि‍जली का दुरुपयोग करना, पानी व्यर्थ करना, यहां-वहां कूड़ा फेंकना आदि‍ कुछ ऐसे काम हैं जो आमतौर पर हम सब बड़े लोग करते हैं। बच्चों के सामने एक मि‍साल बनते हुए ये सब गलत आदतें न दोहराएं। घर के करीब ही जाना हो, तो कार और मोटरसाइकि‍ल की बजाए पैदल जाना बेहतर रहेगा। इससे आप शुरुआत से ही बच्चों के मन में प्राकृति‍क संसाधनों के प्रति‍ सम्मान पैदा करते हैं।

4. छुट्टी मनायें नेचुरल पॉर्क में
आज आपकी छुट्टी है और आप घर बैठकर टीवी देख रहे हैं। अरे, उठि‍ये और अपने परि‍वार के साथ अपने शहर के कि‍सी नेचुरल पॉर्क में जाइये। अगर ऐसा कोई पॉर्क आपके पास नहीं है, तो चि‍ड़ि‍याघर या फि‍र कि‍सी उद्यान का रुख कीजिए। कि‍सी नेशनल पार्क भी जाया जा सकता है। यहां बच्चे को प्रकृति‍ के करीब आने का मौका मि‍लेगा। यदि‍ संभव हो तो उस उपवन की एक गाइडबुक हासिल करें। इसमें वहां की सारी जानकारी होगी। सभी पेड़ पौधों के बारे में बताया जाता है, जि‍ससे उसे काफी कुछ जानने का मौका मि‍लेगा।

5. समर कैंप हो सकते हैं मददगार
गर्मि‍यों की छुट्टि‍यों में बच्चों के लिए समर कैंप का आयोजन होता रहता है। ऐसे कैंप बच्‍चों के लिए मददगार साबित होते हैं। यहां आपके बच्‍चे को प्रकृति के करीब आने का मौका मिलेगा। वह पहाड़ों, झरनों और उन पेड़ों की घनी छांव को देख सकेगा, जो अभी तक उसने सिर्फ टीवी में ही देखे थे।

6. बच्चों को एंजॉय करने दें
बच्चों के साथ किसी प्राकृतिक पि‍कनि‍क स्पॉट पर जायें, तो उन्हें उस वातावरण का पूरा आनंद उठाने दें। हर बात में रोक-टोक न करें। अगर बच्चे अपने साथ अपनी पसंद की कोई चीज ले जाना चाहते हैं, तो उन्हें ऐसा करने दें। हो सकता है आपका बच्चा वहां के पेड़ों की पत्ति‍यां और मि‍ट्टी को अपने साथ लाना चाहे। यह बाल मनोवृति‍ है। यह चीजें उसे वहां की याद दि‍लाती रहेंगी। अपने इस सफर के दौरान कैमरा साथ रखना न भूलें। इन यादगार लम्हों को हमेशा के लि‍ये संजोकर रखने का इससे बेहतर और कोई तरीका नहीं हो सकता।

7. बच्चों को समझाएं प्रकृति‍ के फायदे
यह सबसे जरूरी चीज है। बच्चे को जब भी कुछ समझाया जाता है तो उसके मन में पहला सवाल यही उठता है कि‍ ‘आखि‍र क्यों’। इसलि‍ये बच्चे‍ को समझाइए कि‍ पेड़ लगाने, अपने घर और उसके आसपास सफाई रखने, बेवजह बिजली का इस्‍तेमाल न करने, प्ला‍स्टिक बैग का इस्तेमाल न करने आदि‍ के क्या फायदे हैं। जब तक बच्चे के मन की वो जि‍ज्ञासा शांत नहीं होगी वह आसानी से इन सब बातों को नहीं मानेगा।

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