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बच्‍चे के आत्‍मसम्‍मान के विकास में कैसे करें मदद

 


बच्‍चे के आत्‍मसम्‍मान के विकास में कैसे करें मदद

How to help the child develop self-esteem

बच्‍चे की पहली पाठशाला उसका घर होता है और माता-पिता ही उसके पहले गुरू होते हैं। घर पर ही बच्‍चा दुनिया की तमाम चुनौतियों का सामना करना सीखता है, यहीं पर उसके आत्‍मसम्‍मान का विकास होता है।

बच्चे के आत्‍मसम्‍मान के विकास में सबसे ज्‍यादा भागीदारी आपकी ही है। बच्‍चे को हमेशा अच्‍छी सीख दीजिए, उससे अच्‍छे से पेश आइए, हमेशा उसका खयाल रखिये, उसे अधिक बंदिशों में न रखें। इसके अलावा सबसे ज्‍यादा जरूरी बात उसका सम्‍मान करें और पॉजिटिव बातें बताइये।

सख्‍त न बनें
बच्‍चे के सामने कभी भी सख्‍ती से पेश न आयें, इससे उसका आत्‍मसम्‍मान गिरेगा और साथ ही वह आपके साथ दूसरे लोगों से भी डरने लगेगा। इसलिए हमेशा बचों के सामने अच्‍छे से पेश आइए, उसके सामने सख्‍त माता-पिता बनने की कोशिश मत कीजिए। हालांकि बच्‍चे को काबू में करने के लिए बंदिशें जरूरी हैं लेकिन आत्‍मसम्‍मान के विकास के लिए स्‍वतंत्रता भी जरूरी है। चीन में हुए एक शोध के अनुसार मां-बाप के सख्‍त रहने से बच्‍चे का आत्‍मसम्‍मान कमजोर होता है।

दूसरों के सामने डांटें नहीं
अपने बच्‍चे को कभी भी दूसरों के सामने डांटे नहीं। आमतौर पर माता-पिता बच्चे के चुलबुले स्वभाव को बदतमीजी मानकर बार-बार दोस्तों और रिश्तेदारों के सामने डांटते-फटकारते रहते हैं। लंबे समय तक ऐसा करना बच्चे की मानसिकता, आत्मविश्वास और दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ उनके व्यवहार पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए बच्‍चे को दूसरों के सामने डांटे नहीं।

अकेले में समझायें
बच्‍चे नादान होते हैं, शरारात और गलतियां करने में भी वे सबसे आगे होते हैं। ऐसे में यदि आपके बच्‍चे ने भी कोई गलती या शरारत की है तो उसे सबके सामने डांटने और फटकारने की बजाय अकेले में समझाइए। उसके द्वारा की गई गलतियों का एहसास उसे अकेले में कराइए। इससे उसे बुरा भी नहीं लगेगा और वह दूसरों के सामने शर्मिंदा भी नहीं होगा।

रोल मॉडल बनिये
आप ही उसके हीरों हैं, इसलिए अपने बच्‍चे के सामने एक रोल मॉडल की तरह पेश आइए। क्‍योंकि आप जो भी करते हैं आपका लाडला उसकी ही नकल करता है। आपकी आदतें, आपका व्‍यवहार, आपका चरित्र आदि से वह प्रभावित होता है। इसलिए हमेशा सकारात्‍मक सोच रखें।

सकारात्‍मक माहौल बनाइए
घर का माहौल सकारात्‍मक बनाइए, बच्‍चे की सुरक्षा का भी ध्‍यान रखिये। जो बच्‍चे अपने घर में असुरक्षित और डरा हुआ महसूस करते हैं उनका आत्‍मसम्‍मान हमेशा ही कमजोर हो जाता है। जिन बच्‍चों को घर में प्‍यार नहीं मिलता वे अपने को उपेक्षित महसूस करते हैं। इसलिए घर का माहौल खुशनुमा बनाइए, बच्‍चे से हर मुद्दे पर खुलकर बात कीजिए, और एक अच्‍छे अभिभावक का फर्ज अदा कीजिए।

ज्‍यादा बंदिशे नहीं
बच्‍चा लोगों से मिलता है, मुहल्‍ले के बच्‍चों के साथ खेलता है, तब उसकी सोच और समझ का दायरा भी बढ़ता है। बाहर खेलने से उसका शारीरिक और मानसिक विकास भी अच्‍छे से होता है। इसलिए बच्‍चे पर ज्‍यादा बंदिशे न लगायें, उसे बाहर खेलने जाने और लोगों से मिलने से मना मत कीजिए, लेकिन उसे गलत लोगों की संगत में आने से जरूर रोकिये।

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